Tax free भारत के इस राज्य में नही लगता किसी भी चीज़ पर टैक्स

Tax free भारत में ज्यादातर पर हर नागरिक को टैक्स देना जरूरी होता है लेकिन सिक्किम एक ऐसा राज्य है जहां के निवासी को टैक्स नहीं देना पड़ता यह विशेष दर्जा भारतीय संविधान और आयकर अधिनियम के तहत प्रदान किया गया है आईए जानते हैं इसके कारण और इसके पीछे की कानूनी व्यवस्था



Tax free भारत के इस राज्य में नही लगता किसी भी चीज़ पर टैक्स

विशेष राज्य का दर्जा

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 371 एफ सिक्किम को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है जो इसे अन्य राज्यों से अलग बनाता है आयकर अधिनियम की धारा 10 (26AAA) इस धारा के तहत सिक्किम के नागरिकों की आय को टैक्स से मुक्त रखा गया है 





   सिक्किम का भारत में विलय

1995 में सिक्के भारतीय संघ में शामिल हुआ उसे समय केंद्र सरकार ने राज्य की आर्थिक विकास और नागरिकों की वित्तीय स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए टैक्स फ्री का दर्जा दिया




   वित्तीय संरक्षण को मजबूत करना

टैक्स फ्री सुविधा का उद्देश्य राज के लोगों को आत्मनिर्भर बनाना और आर्थिक रूप से सशक्त करना था



टैक्स फ्री छठ का दायरा 

नागरिकों की व्यक्तिगत आय पर कोई टैक्स नहीं लगता




  शेयर और टीवीडेट पर छूट  

सिक्किम के नागरिकों को शेरों और अन्य विट्रीय निवेशों से मिलने वाले ब्याज और लाभांश पर भी tax देना नहीं पड़ता





   

स्थानीय नागरिकों पर लागु 

यह विशेस केवल सिक्किम के लोगो पर ही लागू होती है  



फायदे

1.राज्य के नागरिकों को आर्थिक लाभ
2.स्थानीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा 
3.आर्थिक और असमानता को कम करना

  

चुनौतियां 

1.केंद्र सरकार को राजस्व का नुकसान 
2.टैक्स फ्री व्यवस्था से वित्तीय जिम्मेदारी की कमी 





सिक्किम की टैक्स फ्री व्यवस्था इस भारत के अन्य राज्यों से अलग बनाती है यह न केवल राज्य के नागरिकों को आर्थिक स्वतंत्रता देता है बल्कि राज्य के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है हालांकि इस विशेष अधिकार के साथ जिम्मेदार वित्तीय प्रबंधन भी आवश्यक है 




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