Choti diwali 2024: नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली क्यों मनाई जाती है

Choti diwali 2024: नरक चतुर्दशी जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है हिंदू पौराणिक कथाओं से जुड़ी है माना जाता है रक्षा नरकासुर का वध देवी सत्यभामा ने भगवान श्री कृष्ण के सहयोग से किया था जिसमें 1600 स्त्रियों को मुक्ति मिली नरकासुर की माता की प्रार्थना के अनुसार


Choti diwali 2024: नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली क्यों मनाई जाती है

Choti diwali 2024: नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली क्यों मनाई जाती है 


Choti diwali 2024: छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी काली चौदस और यह दिवाली भी कहा जाता है इस दिन पारंपरिक धन से एक दिया चलने की परंपरा रही है इससे जुड़ी रोचक बात यह है कि एक यम देवता के नाम से जलाया जाता है इस दिए को घर के बाहर दक्षिण दिशा में जलकर रखा जाता है इसे लेकर ऐसी मान्यताएं रहित है कि इससे घर परिवार में संपन्नता आती है




छोटी दिवाली बनाने को लेकर भी एक बड़े ही दिलचस्प कहानी है हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार किसी राज्य में नरकासुर नामक एक राक्षस रहता था वह इतना बलशाली था कि उसने इंद्र देवता को भी पराजित कर दिया था और देवी माता के आभूषण छीन लिए थे इसके अलावा वह रक्षा देवी देवताओं और ऋषि मुनियों की बेटियों का अपहरण कर उन्हें अपने घर में बंदी बनाकर रखता था उसने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर 16000 स्त्रियों को बंधक बना लिया था


महिलाओं के प्रति नरकासुर की ड्रेस भावना को देखकर देवी सत्यभामा ने भगवान श्री कृष्ण से निवेदन किया कि वह उन्हें नरकासुर के वध का अवसर प्रदान करें कृति करने के बावजूद उसका वध कोई देवता इसलिए नहीं कर पाया था क्योंकि नरकासुर को वरदान प्राप्त था कि उसकी मृत्यु केवल एक महिला के हाथों हो सकती है इसी वजह से देवी सत्य भवानी भगवान श्री कृष्ण से नरकासुर का वध करने का निवेदन किया था जिसके बाद सत्यभामा को भगवान श्री कृष्ण का साथ मिला और वह भगवान श्री कृष्ण के रथ पर बैठकर नरकासुर का वध करने के लिए गई सत्यभामा और नरकासुर के बीच में




युद्ध में सत्यभामा ने नरकासुर का वध कर सभी 16000 बंदी कन्याओं को मुक्त करवाया हरण की इतनी समस्याओं की दया पर लोग सवाल खड़े करने लगे ऐसे में उन सभी स्त्रियों को सम्मान और मान्यता दिलाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने सभी स्त्रियों को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया कहा जाता है कि नरकासुर के वध के बाद नरकासुर की माता ने यह प्रार्थना की की उसके पुत्र की मृत्यु के दिन किसी तरह का शौक ना मनाया जाए एक उत्सव के रूप में इसे बनाया जाए यही वजह है कि इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है इस बार नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर को है


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